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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
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न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
'सुक्खू सरकार से लिखित आश्वासन मिलने तक धरना जारी', वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की दो टूक
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः